एक पूर्ण-सीमा ड्राइवर को यथासंभव व्यापक आवृत्ति अनुक्रिया के लिए डिजाइन किया जाता है.
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एक पूर्ण-सीमा ड्राइवर को यथासंभव व्यापक आवृत्ति अनुक्रिया के लिए डिजाइन किया जाता है.
3.
यदि एक परिमित अवरोधक पर आरोहित है, और इन प्रावस्था-बाह्य तरंगों को अन्योन्यक्रिया करने दी जाती है, द्विध्रुव आवृत्ति अनुक्रिया परिणाम में शीर्ष और शून्य हो जाते हैं.
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यदि एक परिमित अवरोधक पर आरोहित है, और इन प्रावस्था-बाह्य तरंगों को अन्योन्यक्रिया करने दी जाती है, द्विध्रुव आवृत्ति अनुक्रिया परिणाम में शीर्ष और शून्य हो जाते हैं.
5.
इसके कारण न्यून-अंत निर्गम और समग्र आवृत्ति अनुक्रिया (अधिक न्यून और उच्च) में वृद्धि तथा बेस के पिकअप की निर्गम प्रतिबाधा को कम करते हुए वाद्ययंत्र पर पूर्व प्रवर्धक प्रतिबाधा उत्पन्न होता है.
6.
आवृत्ति अनुक्रिया-एक नियत निवेश स्तर पर आवृत्तियों की दी हुई सीमा में मापित, या निर्दिष्ट निर्गम उन आवृत्तियों पर भिन्न-भिन्न रहा. कभी कभी इस में एक विचरण सीमा “±2.5 डीबी” के अंदर शामिल होती है.
7.
ये ड्राइवर छोटे होते हैं, आमतौर पर व्यास में, यथोचित उच्च आवृत्ति अनुक्रिया प्रदान करने वाले तथा निम्न आवृत्तियों पर निम्न-विरूपण निर्गम हेतु ध्यान से डिजाइन किये गए होते हैं, हालांकि इनका अधिकतम निर्गम स्तर कम हो जाता है.
8.
विकास, “अच्छा जब किसी एम्प्लीफायर या प्रवर्धक की आवृत्ति अनुक्रिया समतल होती है तभी वह प्रवर्धन के लिये मिली विद्युत तरंगों की शक्ति तो बढ़ा देती है किन्तु उन तरंगों की आवृत्तियों के आपसी संबन्धों को बिगाड़ती नहीं है।
9.
ये ड्राइवर छोटे होते हैं, आमतौर पर 3.6 व्यास में, यथोचित उच्च आवृत्ति अनुक्रिया प्रदान करने वाले तथा निम्न आवृत्तियों पर निम्न-विरूपण निर्गम हेतु ध्यान से डिजाइन किये गए होते हैं, हालांकि इनका अधिकतम निर्गम स्तर कम हो जाता है.
10.
अभीष्ट आवृत्ति अनुक्रिया (frequency response) प्राप्त करने के हेतु पर्दे को दोहरी अनुनादी प्रणाली (resonant system) से संयुग्मित (coupled) कर दिया जाता है, तो पर्दे के पीछे एक प्रकोष्ठ, प्रषित्र एकक तथा एक प्लास्टिक के प्याले द्वारा निर्मित होती है।